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MPPSC Mains syllabus

MPPSC Mains syllabus : नए सिलेबस के अनुसार करें तैयारी शानदार

Table of Contents

MPPSC Application Form 2024 Dates
Exam Conducting BodyMadhya Pradesh Public Service Commission
Post NameState Services (Rajya Sewa Pariksha) and Forest Services Department
Exam NameMPPSC State Service Exam 2024
Application ModeOnline
MPPSC Vacancy Details88
MPPSC Registration Dates 202419 Jan 2024 to 18 Feb 2024
Selection Process

Preliminary Exam 

Mains Exam

Interview

MPPSC Notification 2024Released
EligibilityGraduation, 21 years
Job LocationMadhya Pradesh
Official Websitemppsc.gov.in

MPPSC Mains syllabus :  मध्य प्रदेश राज्य सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन कराने के लिए अधिकृत आयोग ‘मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग’ (MPPSC) है। यह परीक्षा 3 चरण में होती है- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार। इनमें प्रारंभिक परीक्षा में 200-200 अंकों के दो प्रश्न पत्र होते हैं और प्रत्येक प्रश्न पत्र में 100 प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रारंभिक परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न पत्र के लिए 2-2 घंटे का समय निर्धारित है। प्रारंभिक परीक्षा में नकारात्मक अंकन (Negative Marking) का प्रावधान नहीं है। इस परीक्षा में पूछे जाने वाले सभी प्रश्न बहु वैकल्पिक होते हैं।
इसके अलावा, मुख्य परीक्षा में कुल 6 प्रश्न पत्र होते हैं। ये सभी 6 प्रश्न पत्र वर्णनात्मक होते हैं। 4 प्रश्न पत्र ‘सामान्य अध्ययन’ से संबंधित, 1 प्रश्न पत्र ‘सामान्य हिंदी’ से संबंधित एवं 1 प्रश्न पत्र ‘हिंदी निबंध लेखन’ से संबंधित होता है। इनमें सामान्य अध्ययन के प्रथम 3 प्रश्न पत्रों के लिए 300-300 अंक निर्धारित हैं, जबकि सामान्य अध्ययन के चौथे प्रश्न पत्र एवं सामान्य हिंदी के प्रश्न पत्र के लिए 200-200 अंक निर्धारित हैं, साथ ही हिंदी निबंध लेखन के प्रश्न पत्र के लिए 100 अंक निर्धारित हैं। इस प्रकार, मुख्य परीक्षा के लिए कुल 1400 अंक निर्धारित हैं। मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्न पत्रों के लिए समयावधि – हिंदी निबंध लेखन के प्रश्न पत्र के लिए 2 घंटे का समय निर्धारित है, जबकि शेष पाँचों प्रश्न पत्रों के लिए 3-3 घंटे का समय निर्धारित है। अंतिम चरण साक्षात्कार के लिए 175 अंक निर्धारित हैं।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम की चर्चा हम पहले कर चुके हैं। मुख्य परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम इस प्रकार है:

MPPSC राज्य सेवा मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम

 

प्रश्न पत्र – I सामान्य अध्ययन

खण्ड “अ”
1. इतिहास और संस्कृति
1.1 विश्व इतिहास :
पुनर्जागरण,
औद्योगिक क्रांति
इंग्लैंड की क्रांति,
फ्रांस की क्रांति,
रूसी क्रांति,
प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध

1.2 भारतीय इतिहास : भारत का राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक इतिहास, हड़प्पा सभ्यता से 10 वीं शताब्दी तक
1.3 मुगल एवं उनका प्रशासन, मिश्रित संस्कृति का उद्भव
1.4 भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज पर ब्रिटिश शासन का प्रभाव। ब्रिटिश शासन के प्रति भारतीयों की प्रतिक्रिया: कृषक और आदिवासियों का विद्रोह, प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन/संग्राम।
1.5 भारतीय पुनर्जागरण: राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन और इसके नेतृत्वकर्ता (मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में)।
1.6 गणतंत्र के रूप में भारत का उदय, राज्यों का पुनर्गठन, मध्यप्रदेश का गठन, स्वतंत्रता के बाद के प्रमुख घटनाक्रम।
1.7 मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में भारतीय सांस्कृतिक विरासतः प्राचीन काल से आधुनिक काल तक विभिन्न कला प्रारूपों, साहित्य, पर्व (उत्सवों) वास्तुकला के प्रमुख पक्ष। भारत में विश्व धरोहर स्थल, मध्यप्रदेश में पर्यटन।

खण्ड “ब”
2. भूगोल
2.1 भारत और विश्व भौतिक भूगोल की प्रमुख विशेषताएँ/लक्षण।
2.2 प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण, मध्यप्रदेश के कृषि जलवायु क्षेत्र और उद्योग ।
2.3 भारत और मध्यप्रदेश की जनांकिकी, मध्यप्रदेश की जनजातियां, आपदाग्रस्त जनजातियों के विशिष्ट संदर्भ में
2.4 कृषि पारिस्थितिकी और मनुष्य के लिये इसकी प्रासंगिकता, धारणीय प्रबंधन और संरक्षण, राज्य की प्रमुख फसले, कृषि जोत क्षेत्र, फसल चक्र, फसलों के उत्पादन और वितरण का भौतिक और सामाजिक पर्यावरण, राज्य में बीज एवं खाद की गुणवत्ता और आपूर्ति, कृषि के तरीके, बागवानी, मुर्गी पालन, डेयरी, मछली और पशु पालन आदि के मुद्दे एवं समस्याएँ, कृषि उत्पादन, परिवहन, भण्डारण और विपणन आदि से संबंधित समस्याएँ एवं चुनौतियाँ।
मृदा: मृदा के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुण, मृदा निर्माण की प्रक्रिया तथा मृदा के खनिज एवं कार्बनिक तत्व, भूमि की उत्पादकता बनाये रखने में इनका योगदान, मृदा और वनस्पति में आवश्यक वनस्पति पौषक, साथ ही विभिन्न लाभदायक तत्व, समस्याग्रस्त मृदा और उसके परिष्कार के तरीके, मध्यप्रदेश में मृदा क्षरण एवं ह्रास की समस्यायें, जलग्रहण आधार पर मृदा संरक्षण नियोजन।

2.5 भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग संभावनाएं एवं महत्व, स्थान निर्धारण, उद्योग की पूर्ववर्ती और अग्रवर्ती आवश्यकताएँ, मांग पूर्ति श्रृंखला प्रबंधन। भारत में भूमि सुधार।

3. जल प्रबंधन

3.1 भू जल और जल संग्रहण प्रबंधन।
3.2 जल का उपयोग और कुशल सिंचाई प्रणाली।
3.3 पेयजल आपूर्ति, जल की अशुद्धता के कारक और गुणवत्ता का प्रबंधन।
4. आपदा और आपदा प्रबंधन
4.1 मानव निर्मित और प्राकृतिक आपदाएँ: आपदा प्रबंधन की अवधारणाएं तथा विस्तार की संभावनाएँ, विशिष्ट खतरे और उनका शमन।
4.2 सामुदायिक योजना : संसाधन मानचित्रण, राहत और पुनर्वास, निरोधक और प्रशासनिक उपाय, सुरक्षित निर्माण, वैकल्पिक संचार और जीवन रक्षा हेतु दक्षता।
4.3 केस स्टडी: भोपाल गैस त्रासदी 1984, चेरनोबिल परमाणु संयंत्र त्रासदी 1986, उज्जैन त्रासदी 1994, कच्छ भूकंप 2001, भारतीय सुनामी 2004, फुकुसिमा डायची जापान परमाणु आपदा 2011, उत्तराखंड बाढ़ 2013, इलाहाबाद कुंभ की भगदड़ 2013, जम्मू एवं कश्मीर की बाढ़ 2014 आदि का अध्ययन।

प्रश्न पत्र – II सामान्य अध्ययन

खण्ड “अ”
1. संविधान, शासन व्यवस्था, राजनैतिक एवं प्रशासनिक संरचना
1.1 संविधान निर्माण समिति, भारत का संविधान प्रस्तावना, बुनियादी संरचना, मौलिक अधिकार और कर्तव्य एवं राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत, संविधान की अनुसूचियां, संवैधानिक संशोधन, भारत के संविधान की अन्य देशों के संविधानों के साथ तुलना।

1.2 केन्द्र और राज्य विधायिका
1.3 केन्द्र और राज्य कार्यपालिका
1.4 न्यायपालिका सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला और अधीनस्थ न्यायालय, न्यायपालिका की अवमानना।
1.5 भारतीय संघ की प्रकृति, केन्द्र और राज्यों के संबंध, शक्तियों का विभाजन (केन्द्र सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची), संसाधनों का वितरण।
1.6 विकेन्द्रीकरण और लोकतांत्रिक शासन में जनभागीदारी, स्थानीय शासन, संविधान के 73 वें एवं 74 वें संशोधन, पंचायतें, नगरपालिकाएँ (ग्रामीण और नगरीय, स्थानीय शासन)
1.7 लोकपाल, लोकायुक्त और लोक न्यायालय, न्यायपालिका, संवैधानिक व्यवस्था के संरक्षण और प्रहरी के रूप में न्यायिक सक्रियता, जनहित याचिका ।
1.8 जवाबदेही और अधिकार प्रतिस्पर्धा आयोग, उपभोक्ता न्यायालय, सूचना आयोग, महिला आयोग, मानव अधिकार आयोग, अजा/अजजा/अपिव आयोग और अन्य निवारण संस्थाएँ/प्राधिकरण पारदर्शिता और जवाबदेही, सूचना का अधिकार, सेवा प्राप्ति का अधिकार, सार्वजनिक निधि का उपयोग।
1.9 लोकतंत्र की कार्य प्रणाली : राजनीतिक दल, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, निर्णय प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी।
1.10 निर्वाचन, निर्वाचन आयोग, निर्वाचन संबंधी सुधार।
1.11 समुदाय आधारित संगठन (CBOs) और गैर सरकारी संगठनों (NGOs) का उद्भव, स्व-सहायता समूह
1.12 मीडिया की भूमिका और समस्याऐं (इलेक्ट्रानिक, प्रिन्ट और सामाजिक)

2. बाह्य और आन्तरिक सुरक्षा के मुद्दे।
3. सामाजिक और महत्वपूर्ण विधान
3.1 भारतीय समाज, सामाजिक बदलाव के एक साधन के रूप में सामाजिक विधान।
3.2 मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993
3.3 भारतीय संविधान और आपराधिक विधि (दण्ड प्रक्रिया संहिता) के अंतर्गत महिलाओं को प्राप्त सुरक्षा (CRPC)
3.4 घरेलू हिंसा से स्त्री का संरक्षण अधिनियम, 2005

3.5 सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955
3.6 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989
3.7 सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
3.8. पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986
3.9 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986
3.10 सूचना प्राद्यौगिकी अधिनियम, 2000
3.11 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988
3.12 मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010

खण्ड “ब”
4. सामाजिक क्षेत्र : स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तिकरण
4.1 स्वास्थ्य सेवायें : भारत/मध्यप्रदेश में महिलाओं और बच्चों के संदर्भ में निरोधात्मक एवं उपचारात्मक स्वास्थ्य कार्यक्रम, सभी के लिए उपचारात्मक स्वास्थ्य की उपलब्धता से संबंधित समस्याऐं। चिकित्सकों और चिकित्सा सहायकों (पैरामेडिकल स्टाक) की उपलब्धता, ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा सेवायें।
4.2 कुपोषण : कारण और प्रभाव तथा पूरक पोषण हेतु शासकीय कार्यक्रम।
4.3 प्रतिरक्षा शास्त्र के क्षेत्र में तकनीकी दखल प्रतिरक्षण, पारिवारिक स्वास्थ्य, बायोटेक्नोलोजी, संक्रामक और असंक्रामक बीमारियां एवं उनके उपचार।
4.4 जन्म-मृत्यु सांख्यिकी (वायटल स्टेटिस्टिक्स)।
4.5 विश्व स्वास्थ्य संगठन : उद्देश्य, संरचना, कार्य और कार्यक्रम।
5. शिक्षण प्रणाली : मानव संसाधन विकास में शिक्षा, सार्वभौमिक/समान प्रारम्भिक शिक्षा, उच्चशिक्षा और तकनीक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा-गुणवत्ता, बालिकाओं की शिक्षा, वंचित वर्ग, निःशक्त जन से संबंधित मुद्दे ।
6. मानव संसाधन विकास : कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता, भारत में मानव संसाधन की नियोजिता तथा उत्पादकता, रोजगार के विभिन्न चलन, विभिन्न संस्थाओं जैसे एन.सी.ई.आर.टी, एन.आई.ई.पी.ए., यू.जी.सी., एन.सी.एच.ई.आर, ओपन विश्वविद्यालय, ए.आई.सी.टी.ई., एन.सी.टी.ई., एन.सी.व्ही.टी., आई.सी.ए.आर., आई.आई.एम., एन.आई.टी., आई.आई.टी., एन.एल.यू.एस. पोलीटेक्नीक और आई.टी.आई. आदि की भूमिका और मानव संसाधन विकास।

7. कल्याणकारी कार्यक्रम : वृद्धजन, निःशक्त जन, बच्चों, महिलाओं, श्रम, सामाजिक रूप से वंचित वर्ग और विकास परियोजनाओं के फलस्वरूप विस्थापित वर्गों से संबंधित मुद्दे एवं कल्याणकारी कार्यक्रम।
8. लोक सेवाएं : लोक सेवाएं, अखिल भारतीय सेवाएं, केन्द्रीय सेवायें, राज्य सेवाएं, संवैधानिक पद भूमिका, कार्य एवं कार्य की प्रवृत्तियाँ, संघ लोक सेवा आयोग, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग, शासन के बदलते प्रारूप के संदर्भ में केन्द्र एवं राज्य के प्रशिक्षण और प्रशिक्षण संस्थायें।
9. लोक व्यय और लेखा : लोक व्यय पर नियंत्रण, संसदीय नियंत्रण, प्राक्कलन समिति, लोक लेखा समिति आदि। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का पद, मौद्रिक और वित्तीय नीति में वित्त मंत्रालय की भूमिका, मध्यप्रदेश के महालेखाकार का गठन और कार्य।
10. अंतर्राष्ट्रीय संगठन
10.1 संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी संगठन।
10.2 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक।
10.3 सार्क, ब्रिक्स, अन्य द्विपक्षीय और क्षेत्रीय समूह।
10.4 विश्व व्यापार संगठन और भारत पर इसके प्रभाव।

प्रश्न पत्र – III सामान्य अध्ययन

खण्ड “अ”
विज्ञान एवं तकनीकी
1. विज्ञान

1.1 आस पास मौजूद पदार्थ, तत्व, यौगिक, मिश्रण, धातुएँ एवं अधातुएँ, कार्बन एवं इसके यौगिक, अणु, परमाणु, परमाणु की संरचना, रासायनिक अभिक्रियाएँ, अम्ल, क्षार और लवण।

1.2 जीव, जीवों के प्रकार, ऊतक, जीवन की इकाई, कोशिका, जैविक क्रियाएँ, चयापचय, नियंत्रण एवं सामंजस्य, प्रजनन, आनुवांशिकी और जैव विकास।
1.3 गुरुत्वाकर्षण, गति, बल, गति के नियम, कार्य एवं ऊर्जा, प्रकाश, ध्वनि, विद्युत और चुम्बकत्व।
2. तर्क और आंकड़ों की व्याख्या
2.1 आधार संख्याएँ एवं सांख्यिकी (अंक और उनके संबंध) संभाविता
2.2 आंकड़ों का प्रबंधन और व्याख्या (चार्ट, ग्राफ, तालिका, तथ्यांकी, पर्याप्ता आदि)
2.3 अनुपात एवं समानुपात, इकाई विधि, लाभ और हानि, प्रतिशत छूट, साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज।
2.4 क्षेत्रविधि क्षेत्रफल, परिमाप, आयतन।
2.5 तार्किक शक्ति, विश्लेषणात्मक क्षमता एवं समस्या समाधान।

3. तकनीक
3.1 विज्ञान और तकनीक का सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अनुप्रयोग, देशज तकनीक, तकनीक हस्तान्तरण एवं नवीन तकनीक का विकास।
3.2 पेटेन्ट और बौद्धिक संपदा के अधिकार (ट्रिप्स, ट्रिम्स)।
3.3 विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में भारतीयों का योगदान।

4. विकासशील तकनीक
4.1 नवीन तकनीक जैसे सूचना एवं संचार तकनीक, सुदूर संवेदन, अंतरिक्ष जी आय एस. जी पी एस, जैव प्रौद्योगिकी, नेनो तकनीकी, कृषि एवं अन्य संबंधित क्षेत्र, स्वास्थ्य, ई-गर्वनेन्स, यातायात, स्थानिक नियोजन, गृह और क्रीडा आदि में इनके अनुप्रयोग।

5. ऊर्जा
5.1 परंपरागत एवं गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधन।
5.2 ऊर्जा प्रबंधन : मुद्दे एवं चुनौतियाँ।
5.3 वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की संभावनाएँ।

6. पर्यावरण एवं धारणीय विकास

6.1 पर्यावरणीय क्षरण : कारण, प्रभाव एवं निदान
6.2 पर्यावरण संरक्षण विधियाँ, नीतियों एवं नियामक ढाँचा।
6.3 पर्यावरण और विकास पर चर्चा।
6.4 ठोस, तरल अपशिष्ट जल-मल हानिकारक चिकित्सा अवशिष्ट और ई-वेस्ट का प्रबंधन।
6.5 जलवायु परिवर्तन : कारण एवं निदानात्मक उपाय।
6.6 पर्यावरणीय फुटप्रिंट एवं इससे निपटने की रणनीतियाँ।

खण्ड “ब”
7. भारतीय अर्थव्यवस्था
7.1 भारत में विकास का अनुभव।
7.2 मध्य प्रदेश में धीमे औद्योगिक विकास के कारण।
7.3 1991 के बाद से हुए आर्थिक सुधार: औद्योगिक और वित्तीय क्षेत्र में सुधार, स्टाक बाजार और बैंकिंग प्रणाली।
7.4 उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण।
7.5 भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान प्रवृतियाँ और चुनौतियाँ।
7.6 भारत में विकास का नियोजन।
7.7 राष्ट्रीय आय और लेखांकन की प्रणाली।
7.8 आधारभूत अधोसंरचना विकास और मुद्दे।
7.9 गरीबी, बेरोजगारी, क्षेत्रीय असंतुलन एवं प्रवजन।
7.10 नगरीय क्षेत्र के मुद्दे : नगरीय विकास के मुद्दे (सामाजिक और आर्थिक संरचना) तथा निम्न आय वर्गीय समूह हेतु आवास।
7.11 ग्रामीण क्षेत्र के मुद्दे, ग्रामीण विकास (सामाजिक और आर्थिक संरचना) एवं ग्रामीण साख।
7.12 विकास का सूचकांक, मानव विकास और आर्थिक विकास।
7.13 भारत एवं मध्यप्रदेश में सहकारिता आन्दोलन।

7.14 मध्यप्रदेश और भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्ता।
7.15 आर्थिक विकास के तत्व।
7.16 कृषि क्षेत्र और अन्य सामाजिक क्षेत्रों के लिये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सब्सीडी के मुद्दे।
7.17 लोक वितरण प्रणाली : उद्देश्य, कार्यप्रणाली, सीमायें, खाद्य सुरक्षा और बफर स्टॉक से संबंधित मुद्दे।

प्रश्न पत्र – IV सामान्य अध्ययन

1. मानवीय आवश्कताएँ और अभिप्रेरणा : लोक प्रशासन में नैतिक सद्गुण और मूल्य, प्रशासन में नैतिक तत्व – सत्यनिष्ठा, उत्तरदायित्व और पारदर्शिता, नैतिक तर्क और नैतिक दुविधा तथा नैतिक मार्गदर्शन के रूप में अन्तरात्मा, लोक सेवकों हेतु आचरण संहिता, शासन में उच्च मूल्यों का अनुपालन।

2. दार्शनिक/विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता/सुधारक : महावीर, बुद्ध, प्लेटो, अरस्तू, गुरु नानक, कबीर, तुलसीदास, कौटिल्य, रवीन्द्रनाथ टैगोर, राजा राम मोहन राय, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, मोहनदास करमचंद गाँधी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, श्री अरविन्दो, भीमराव रामजी अम्बेड़कर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया आदि।

3. मनोवृत्ति : विषयवस्तु, तत्व, प्रकार्य : मनोवृत्ति का निर्माण, मनोवृत्ति बदलाव, प्रबोधक संप्रेषण, पूर्वाग्रह एवं विभेद, भारतीय संदर्भ में रूढ़िवादिता।

4 अभिक्षमता और लोक सेवा हेतु आधारभूत योग्यताएं। निष्पक्षता , सत्यनिष्ठा और असमर्थकवादी वस्तुनिष्ठता, लोक सेव के प्रति समर्पण, सहिष्णुता, समानुभूति और अशक्त वर्गों के प्रति संवेदना/करुणा।

5. संवेगिक बुद्धि : अवधारणा, प्रशासन/शासन में इसकी उपयोगिता और अनुप्रयोग।

6. भ्रष्टाचार : भ्रष्टाचार के प्रकार और कारण, भ्रष्टाचार का प्रभाव, भष्टाचार को अल्पतम करने के उपाय, समाज, सूचनातंत्र, एक विसलब्लोअर (Whistleblower) की भूमिका, भ्रष्टाचार पर राष्ट्र/संघ की घोषणा (रवैया), भ्रष्टाचार का मापन, अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता आदि।

7. पाठ्यक्रम में शामिल विषयवस्तु पर आधारित प्रकरणों का अध्ययन।

प्रश्न पत्र – V सामान्य हिन्दी

प्रश्न पत्र का स्तर स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों के स्तर के समकक्ष होगा। इसका उद्देश्य अभ्यर्थी की पढ़ने, समझने और लेखन की योग्यता एवं हिंदी में स्पष्ट-सही विचार व्यक्त करने की जाँच करना है। सामान्यतः निम्नलिखित विषयों पर प्रश्न पूछे जायेंगे।

(क) पल्लवन, सन्धि व समास
1. दिए गए वाक्यों का व्यापक अर्थ (शब्द सीमा 50 शब्द)
2. सन्धि, समास एवं विराम चिन्ह
(ख) संक्षेपण

(ग) प्रारूप लेखन शासकीय एवं अर्धशासकीय पत्र, परिपत्र, प्रपत्र, विज्ञापन, आदेश, पृष्ठांकन अनुस्मारक (स्मरण पत्र) अधिसूचना, टिप्पणी लेखन (कोई दो)
(घ) प्रयोग, शब्दावली एवं प्रारंभिक व्याकरण
1. प्रशासनिक पारिभाषिक शब्दावली (हिन्दी एवं अंग्रेजी)
2. मुहावरे अथवा कहावतें
3. विलोम शब्द और समानार्थी शब्द
4. तत्सम-तद्भव शब्द
5. पर्यायवाची शब्द
6. शब्द युग्म
(ङ)
1. अपठित परिच्छेद
2. प्रतिवेदन (प्रशासनिक, विधि, पत्रकारिता, साहित्य एवं सामाजिक)
(च) अनुवाद (वाक्यों का) : हिन्दी से अंग्रेजी एवं अंग्रेजी से हिन्दी

प्रश्न पत्र – VI हिन्दी निबंध लेखन

प्रथम निबंध (लगभग 1000 शब्द) : अंक 50
द्वितीय निबंध (लगभग 250 शब्द) : अंक 25
तृतीय निबंध (लगभग 250 शब्द) : अंक 25
इस प्रकार, यहाँ ‘मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग’ (MPPSC) द्वारा आयोजित होने वाली राज्य लोक सेवा परीक्षा से संबंधित प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के लिए निर्धारित किए गए पाठ्यक्रम को विस्तार पूर्वक समझने की कोशिश की गई। आशा है कि इस परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी को इस पाठ्यक्रम को लेकर सहायता प्राप्त हुई होगी। मुख्य परीक्षा के बाद 175 अंकों का साक्षात्कार भी होता है और इसके अंक परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी के अंतिम परिणाम में शामिल किए जाते हैं।

MPPSC Application Form 2024 Release Dates
EventsDates
Publication of official notification30 December 2023
Starting of Registration19 January 2024
The last date to submit application forms18 February 2024
Starting of Error Correction19 January 2024
Ending of Error Correction18 February 2024
Date of issuing of admit card20 April 2024
MPPSC Exam Date (Prelims)28 April 2024
MPSSC result dateTo Be Released
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